Tuesday, August 17, 2010

जो चल सको तो चलो...

अचानक निदा फ़ाज़ली की एक नज़्म याद आई...जो कुछ इस है...
सफ़र में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो...

बस यही गुनगुना रहा था की कुछ ख्याल मेरे मन से भी निकल कर इसी रास्ते पर चल दिए...
कुछ इस तरह...
घर छोड़ने की भी जमानत है,
कीमत चुका सको तो चलो.
तक्दीरियों की सियासत है,
समझ सको तो चलो.
यहाँ बोलने वालों की कहाँ जरूरत,
बुत बनकर जी सको तो चलो.
हार मानने के ख्याल को घर में ही,
दफना के चल सको तो चलो.
खंजरों से जमीं पर मीलों का सफ़र है,
हौसला बुलंद कर सको तो चलो.
कब्रों का शहर औ रुआसा सा शोर है,
जुम्बिश में तरन्नुम ला सको तो चलो.
यहाँ हार पर रोने की मनाही है,
सिसकियाँ और आंसू छिपा सको तो चलो.
जमाना सर झुकाने को बोलेगा,
हर मोड़ पर रूह को समझा सको तो चलो.
ईमान और इमानदारों का,
क़त्ल कर आगे बढ़ सको तो चलो.
गर नहीं हो ये सब...
गर नहीं मुमकिन ये सब....
तो..
वफ़ा छोड़ दो, वफाई छोड़ दो,
सर उठा के चलो, सर उठा के चलो.
लौटने का ख्याल भूलकर,
रवायतें बदलने का दम भर सको तो चलो.
हर कब्र करेगी इंतज़ार तेरा,
सलामती का ख्याल दिल से निकाल सको तो चलो.
रातों में नींद मयस्सर नहीं हो गर,
रतजगों से यारी कर सको तो चलो.
शायर न बनो, साकी का सहारा न लो,
बिन पिए बहकने की अदा सीख सको तो चलो.
हजारों टिमटिमाती, चमकीली, औ नशीली राहों को छोड़,
अलहदा राह बना सको तो चलो.
धक्का न दो, न गिराओ किसी को,
अपना कन्धा मदद को आगे बढ़ा सको तो चलो.
ऐशो आराम को भूलो, मोहब्बत को भूलो,
मुफलिसी में जीकर मुस्कुरा सको तो चलो.
बेलगाम सियासत और सियासतदारों पर,
लगाम लगाने का माद्दा जुटा सको तो चलो.
औ गर हो भरोसा मुकद्दर पे, ईश्वर, यीशु या अल्लाह पे,
तो घर बैठो, तुम न चलो, एकदम न चलो.

4 comments:

Unknown said...

Hi,I recently came across your blog and I have enjoyed reading.Nice blog. I thought I would share my views which may help others.I turned 41 and i have Erectile Dysfunction problem. After reading that INVIGO can cure ED,tried it. I have seen the difference. Its giving very good results and is a permanent solution. I will keep visiting this blog very often.we can reach INVIGO at www.invigo.in.

Parul kanani said...

man ki ye chahalkadmi ...mukam hai :)

Jyoti Verma said...

कितना सुन्दर भाव है!
इतनी सच्चाई के साथ चले तो दुनिया स्वर्ग बन जाएगी....और क्या कहें!

Dr Xitija Singh said...

raah kathin to hai... par manzil katai door nahi ... aap yun hi chale chalo... :) ... behtareen rachna... congrates...

Related Posts with Thumbnails