खो गया था दुनिया के झंझावातों में आइना देखता हूँ, पर खुद की तलाश है, मुसाफिर हूँ. ये अनकही खुली किताब है मेरी... हर पल नया सीखने की चाहत में मुसाफिर हूँ.. जिंदगी का रहस्य जानकर कुछ कहने की खातिर अनंत राह पर चला मैं मुसाफिर हूँ... राह में जो कुछ मिला उसे समेटता मुसाफिर हूँ... ग़मों को सहेजता, खुशियों को बांटता आवारा, अल्हड़, दीवाना, पागल सा मुसाफिर हूँ... खुशियों को अपना बनाने को बेक़रार इक मुसाफिर हूँ... उस ईश्वर, अल्लाह, मसीहा को खोजता मैं मुसाफिर हूँ...
Friday, April 24, 2009
कोशिशें जरी रहेंगी..
काफी दिनों से एक कोशिश कर रहा था। एक नेक काम करने की। देश के लिए कुछ करने की ठानी थी। सोचा था ये शुरुआत बदलाव लाएगी। देश की सोच बदलेगी और न जाने क्या क्या। बस एक हफ्ते पहले की बात है। ऑफिस में यूँ ही कुछ बात चली। एक विचार आया। वोटर अवारेनेस कम्पैन का। गांव में काम किया ही हुआ था तो सोचा शहर में भी कर ले जायेंगे और रिजल्ट अच्छे होंगे। पर हमने सोचा कि हम सिर्फ़ युवाओं को ही जागरूक करने का काम करेंगे। बस उसी शाम बात की और अपने एक साथी के साथ जी जान से लग गए इस काम में । अगले दिन बैठे और रात ३ बजे तक प्रोपोसल बनाया की कुछ स्पांसर मिल जायेंगे। देश के लिए तो बहुत लोग आगे आयेंगे ऐसा सोचकर अगली सुबह से लोगों को फ़ोन लगना शुरू कर दिया, एक नामचीन हस्ती से भी बात कर ली ताकि युवा जमा हो जायें और हमारा संदेश सब तक पहुँच जाए। बातें चल रही थी, पहली शाम तक लगा सब कुछ धमाकेदार अंदाज़ में होगा। फ़िर कुछ और लोगों से बात करने की हिम्मत मिली, दौड़ भाग की, लोगों के दफ्तर गए, मिले, अपना प्लान समझाया, कईयों को फ़ोन कर करके खूब समझाया..सबने तारीफ की....
.... पता नहीं खुदा को क्या मंजूर था , और हमारा इवेंट नही हो सका, मन टूट सा गया। लगा जाने क्या कमी रह गई। सारी मेहनत बेजान सी लगने लगी। फ़िर पिछले ७ दिनों में आए बदलाव पर गौर फ़रमाया, लगा अभी तो शुरुआत है, बहुत लंबा सफर तय करना है। फ़िर ऐसी चोटें ही तो मजबूती देंगी। लगता है कि सब कुछ मुमकिन है ज़िंदगी की
इस किताब में। इसकी कहानी हम ख़ुद लखते हैं। अच्छे शब्द वाक्यों में तब्दील होंगे और किताब में जान आ जाएगी। लेकिन इस कोशिश (जो साकार थी पर परिणाम नही मिले) कई कोशिशों के लिए प्रेरित करेगी।
और एक दिन मैं इस देश कि तस्वीर बदलूंगा।
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8 comments:
koshish ek na ek din rang jaroor lati hain ....koshish karte rahiye
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
कोशिश करते रहिए। कभी ना कभी तो सफलता मिलेगी।
घुघूती बासूती
Don't loose hope dear...chal apde ho to raste bhi milengi aur manzilen bhi...ALL D BEST
Aamin!!!
कोशिश करते रहिए। कभी ना कभी तो सफलता मिलेगी।
यही कह सकती हूँ
pau fatane se pahale kaa ghanaa andhera fir laayega naya savera
dekho nirasha me aasha ki tasveer
tanik dheer dharo rahi badal jaayegi takdeer
bas dukh me kabhi bhi na ghabrana
jeevan sangharshon se na dar jaanaa
yuva shaktipunj bano tumkarambhoomi kr veer
tanik------
nayee subah laane ko suraj ko tapna padta hai dharti ki pias bujhane ko badal ko fatna padta hai
manzil tak le jati hai aasha ki ek lakeer
tanik-----
vishvas atal ho priyas sabal ho to jroor safalta milegi shubh kaamnayen
hey dear......
first of all i wud like to appreciate ur effort... at least u thought of doing something of this kind...we know things are not easy as they seems to be but we have to make continuous effort without loosing hope...
all the very best...keep up the good work..
Best of Luck for all ur endeavors...
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