एक बहुत ही जाना माना क़स्बा है, नई सड़क पर। शायद आप उस सड़क से गुजरे हों। खैर, वैसे तो वहां अक्सर ही हलचल रहती है, देश के बड़े बड़े तुर्रम खां यहाँ आते हैं और यहाँ के जमींदार कि तारीफों के पुल बांधते हैं। मैंने भी बांधे हैं पर जब मुझे पसंद आया। आज मैं वहां से गुजर रहा था कि एक नई हलचल पर नजर पड़ी। मैंने सोचा, जरा देखा जाए कि माजरा क्या है, पता चला यहाँ फ़िर एक रचना पर तारीफों के पुल बाँध रहे हैं, मुझे लगा हर बार कि तरह इस बार भी मजेदार रचना होगी। मैंने पढ़ना शुरू किया, पहले में जिस्ट समझ में आ गया पर सोचा चलो पूरी रचना पढ़ ली जाए। गिरते पड़ते जब ख़त्म हुई तो समझ नहीं आया कि जमींदार साहब लिखना क्या चाहते थे, लगा कि जबरदस्ती सिर्फ़ लिखने के लिए लिख दिया। विचार परिपक्व नहीं रहा होगा, तभी इतना बहकाव था। खैर, मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता इसलिए मैं सीधे मुद्दे पर आता हूँ।दरअसल उन्होंने एक जगह कुछ ऐसा लिखा है....
'अपनी हर उपलब्धि में हम पहली बार सीना तानते हैं। फिर अपनी चाल में मस्त हो जाते हैं। यह मुल्क अतीत से लेकर वर्तमान और भविष्य तक में गौरव के क्षण तलाशता दिखता है।..........वर्ल्ड क्लास और सुपर पावर का बोध। कितने सालों से हम बनने की कोशिश में लगे हैं। हद हो गई।'
पर मैं कहता हूँ कि अरे सर जी, हद मुल्क ने नहीं की है। हद तो हम और आप जैसे पत्रकारों ने की है जो मुल्क की किसी उपलब्धि को लेकर २4 घंटे के स्पेशल प्रोग्राम बना डालते हैं। पता चलता है हफ्ते भर तक उनके फौलो अप चलते रहते हैं, किस लिए। सब अपनी बनाते हैं जनाब। अखबारों को पाट देते हैं पूरी उपलब्धि के गौरवगान से। और आम आदमी वही देखता है जो उसे टीवी और अख़बार में परोस के दिया जाता है। उसी से वो अपनी सोच बनाता है।
अगर इतना ही बोध है तो क्या जरुरत है इन ख़बरों को लेकर उड़ने की... न उड़िए... यही होता आया है। मुल्क नहीं चिल्लाता है कि मैंने कोई अनोखा काम किया है, हम आप गाते हैं। और दूसरी बात बुरा मत मानिएगा पर सुपर पावर... जबरदस्ती का पोस्ट मालूम पड़ता है। जहाँ तक आई कार्ड की बात है, तो एक बार पढ़ना बेहतर होगा की वो है किस लिए, मिलेगा तो सबको ही।
जमीदार साहब से मेरा कोई बैर नहीं, न ही मेरी औकात है उनसे उलझने कि पर मेरे मन में जो भी आया मैंने यहाँ कह दिया...मैं उनसे उम्र और अनुभव दोनों में अदना हूँ पर यहाँ अपने मन कि बात रख सकता हूँ...फ़िर भी भूल चूक माफ़...
