ये एक मशहूर लेख़क रिल्के की कही बात है।
खो गया था दुनिया के झंझावातों में आइना देखता हूँ, पर खुद की तलाश है, मुसाफिर हूँ. ये अनकही खुली किताब है मेरी... हर पल नया सीखने की चाहत में मुसाफिर हूँ.. जिंदगी का रहस्य जानकर कुछ कहने की खातिर अनंत राह पर चला मैं मुसाफिर हूँ... राह में जो कुछ मिला उसे समेटता मुसाफिर हूँ... ग़मों को सहेजता, खुशियों को बांटता आवारा, अल्हड़, दीवाना, पागल सा मुसाफिर हूँ... खुशियों को अपना बनाने को बेक़रार इक मुसाफिर हूँ... उस ईश्वर, अल्लाह, मसीहा को खोजता मैं मुसाफिर हूँ...
Friday, March 27, 2009
चलते चलते यूँ ही कुछ मिल गया है....
'एक ही काम है जयो तुम्हें करना चाहिए - अपने में लौट जाओ। उस केन्द्र को ढूंढो जो तुम्हें लिखने का आदेश देता है। जानने की कोशिश करो कि क्या इस बाध्यता ने तुम्हारे भीतर अपनी जड़ें फैला ली हैं ? अपने से पूछो कि यदि तुम्हें लिखने की मनाही हो जाए तो क्या तुम जीवित रहना चाहोगे ?...अपने को टटोलो...इस गंभीरतम ऊहापोह के अंत में साफ-सुथरी समर्थ 'हाँ'' सुनने को मिले, तभी तुम्हें अपने जीवन का निर्माण इस अनिवार्यता के मुताबिक करना चाहिए।'
Thursday, March 12, 2009
पाकिस्तान में वर्ल्ड कप होगा
सुना है कि पाकिस्तान में क्रिकेट वर्ल्ड कप होने वाला है। बहुत खुशी हुई जानकर! आप सभी जानते होंगे कि अफगानिस्तान को प्यार आया है। कुछ भी कहिए पर नजारा काफी खुबसूरत होगा। क्यो? आपकी क्या राय है। सोच रहा हूँ कि कौन कौन सी टीम हिस्सा लेंगी। आपको अंदाजा है? शायद इन दोनों मुल्कों को ही अंदाजा होगा। फ़िर भी मुझे लगता है कि वर्ल्ड के सभी आतंकवादी संगठनों की टीमें होंगी। अल कायदा, अल मुजाहिद्दीन और न जाने कितने और... अपने मुल्क की टीम भी जाएगी..सिमी की टीम। मैच रेफरी तो डी कंपनी के आला दाऊद भाई ही करेंगे। अच्छा किसी बॉलर ने उंगली दिखाई या कोई कमेन्ट कर दिया तो क्या होगा। थर्ड अंपायर की जरुरत नहीं होगी। २-४ ऐ के ४७ चलेंगी और हो जाएगा काम। मैन ऑफ़ द मैच क्या मिलेगा॥ किसी पत्रकार की लाश या किसी जगह बम धमाके। मैच ऑफ़ द सीरीज़...खैर कुछ नया अपडेट मिला तो बताऊंगा...तब तक इंतज़ार कीजिए...
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